दोस्तो क्या आप लोग भी जाना चाहते हो की स्विंग ट्रेडिंग क्या है? तो इस ब्लॉग को पूरा पढ़े इस ब्लॉग में हम जानेंगे की स्विंग ट्रेडिंग क्या है?, स्विंग ट्रेडिंग कैसे की जाती है?, स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी और स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें।
जानिए स्काल्पिंग(Scalping) ट्रेडिंग क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग क्या है? (What is Swing Trading in Hindi)
स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading) स्टॉक्स में ट्रेड करने का एक तरीका है। इसमें, आप ज्यादा समय के लिए शेयरों को खरीदते और बेचते हैं, आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक के लिए।
मान लीजिए कि आपने एक कंपनी के शेयर ₹100 में खरीदे हैं। आपको लगता है कि अगले कुछ हफ्तों में शेयर की कीमत बढ़कर ₹110 हो जाएगी। आप शेयर खरीदते हैं और फिर उन्हें ₹110 पर बेच देते हैं, जिससे आपको ₹10 प्रति शेयर का मुनाफा होता है।
स्विंग ट्रेडिंग न तो इंट्राडे ट्रेडिंग के तरह है, जिसमें शेयरों को उसी दिन खरीदा और बेचा जाता है। और न ही निवेश के तरह, जिसमें शेयरों को कई वर्षों तक रखा जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग कैसे की जाती है? (How is Swing Trading done in Hindi?)
1. ब्रोकरेज खाता खोलें(Open Demat Account):
सबसे पहले, आपको एक ब्रोकरेज खाता(Demat Account) खोलना होगा। ब्रोकरेज खाते के जरिए ही आप शेयरों को खरीद और बेच सकेंगे।
2. विश्लेषण करें(Do Analysis):
एक बार जब आपके पास ब्रोकरेज खाता हो जाता है, तो आपको उन शेयरों की पहचान करने के लिए एनालिसिस करना होगा जिनमें स्विंग ट्रेडिंग करने की क्षमता है। आप विभिन्न तकनीकी संकेतकों(Technical Indicator) का उपयोग करके ऐसा कर सकते हैं, जैसे कि मूविंग एवरेज, RSI, MACD, आदि।
3. ट्रेडिंग योजना बनाएं(Make Trading Plan):
एक बार जब आप कुछ शेयरों की पहचान कर लेते हैं, तो आपको एक ट्रेडिंग योजना विकसित करनी होगी। इस योजना में आप कब किसी शेयर में एंट्री करोगे और कब exit यह शामिल होनी चाहिए।
5. पेपर ट्रेडिंग करें(Do Paper Trading):
4. ट्रेडिंग शुरू करें(Start Trading):
एक बार जब आप पेपर ट्रेडिंग में अपने नियम को सही से फॉलो करने लगे और आपके 60-70% ट्रेड सही जाने लगे, तो आप कम पैसों से स्विंग ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि स्विंग ट्रेडिंग जोखिम भरा हो सकता है।
जानिए मोमेंटम ट्रेडिंग क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें (Stock Selection for Swing Trading in Hindi)
- आप स्टॉक स्क्रीनर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- आप खुद से हर एक स्टॉक के चार्ट को देखकर अपने लिए स्विंग ट्रेडिंग स्टॉक को चुन सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (Swing Trading Strategy in Hindi)
Entry Rules:
- सबसे पहले आपको Bollinger Bands इंडिकेटर को अपने चार्ट में लगा लेना है।
- Bollinger Bands का नीचे वाले बैंड यानी की Lower बैंड को मार्केट Red कैंडल के साथ क्लोज करना चाहिए।
- फिर मार्केट को bollinger बैंड्स के नीचे वाले बैंड के नीचे Green कैंडल बनाना चाहिए।
- जैसे ही मार्केट Green कैंडल के उपर निकले तो अप उस स्टॉक को खरीद सकते हैं।
Exit Rules:
- स्टॉक जैसे ही अपने ऊपरी बैंड यानी Upper Band तक पहुंचे आप अपना प्रॉफिट बुक कर सकते हैं।
- आप 1:2 का टारगेट भी ले सकते हैं।
स्टॉपलॉस Rules:
- आप पिछले स्विंग यानी जहां से पिछली बार मार्केट उपर की ओर गया था उसके नीचे का SL लगा सकते हैं।
कुछ अतिरिक्त सुझाव:
- स्टॉपलॉस का हमेसा पालन करें।
- अपने पूरा पैसा एक ट्रेड में न लगाएं।
- हमेसा अपने ट्रेडिंग प्लान का पालन करें।
- अपनी भावनाओ पर नियंत्रण रखें।
- ट्रेडिंग जर्नल बनाएं और अपनी गलतियों से सीखते रहें।
- बाजार की स्थिति का ध्यान रखें अगर बाजार में कुछ नकारात्म खबर चल रही है तो स्विंग ट्रेडिंग करना आपके लिए जोखिम भरा हो सकता है।
ट्रेड उदाहरण:
निष्कर्ष (Conclusion):
FAQ's [स्विंग ट्रेडिंग क्या है? Swing Trading in Hindi]
स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस समय सीमा का उपयोग करना है?
स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको 1 घंटे या उससे ज्यादा के समय सीमा का इस्तमाल करना चाहिए। आप जितने बड़े समय सीमा का इस्तमाल करेंगे आपकी accuracy उतनी ही ज्यादा होगी।
एक महीने में कितने स्विंग ट्रेड करते हैं?
एक महीने में आप कितने स्विंग ट्रेड करते हैं यह आपके टारगेट और स्टॉपलॉस पर निर्भर करता है। लेकिन एक महीने में आप कम से कम 4 से 5 स्विंग ट्रेडिंग करते हैं।
स्विंग ट्रेड्स कितने समय तक चलते हैं?
स्विंग ट्रेड्स ज्यादातर कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनो तक चलते हैं।
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