दोस्तो आए दिन आपने Spoofing ट्रेडिंग के बारे में जरूर सुना होगा। अगर नही सुना तो जान लीजिए की Spoof ट्रेडिंग एक तरह का धोखाधड़ी वाला तरीका है। जिससे बारे में जानना आपके लिए अति आवश्यक है क्योंकि अगर आपके पास Spoof ट्रेडिंग के बारे में जानकारी न हो तो हो सकता है आप अनजाने में Spoof ट्रेडिंग के शिकार बन जाओ।
इस ब्लॉग "Spoofing trading meaning in Hindi" में हम जानेंगे की Spoofing ट्रेडिंग क्या है, Spoofing ट्रेडिंग कैसे काम करता है और आप Spoofing ट्रेडिंग से कैसे बचें।
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Spoofing ट्रेडिंग क्या है?(Spoofing trading in Hindi)
Spoofing trading एक तरह का धोखाधड़ी वाला तरीका है जिसका इस्तेमाल लोग वित्तीय बाजारों में शेयरों, कमोडिटीज या अन्य चीजों की कीमतों को प्रभावित करने की कोशिश में करते हैं। यह एक तरह का झूठ का खेल होता है जिसे बाजार को हेरफेर करने के लिए किया जाता है।
दोस्तों आपको तो पता ही होगा की बाजार डिमांड और सप्लाई पर ही काम करता है। ऐसे सोचिए की, बाजार में सामान की कीमत उसी तरह तय होती है जैसे किसी दुकान में - जितना ज्यादा लोग उसे खरीदना चाहते हैं, उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा होती है, और जितना कम खरीदना चाहते हैं, उतनी ही कम होती है। Spoof trading इसी नियम का गलत इस्तेमाल करता है।
Spoofing trading कैसे काम करता है?
झूठे ऑर्डर देना:
लोग बड़ी मात्रा में खरीद या बिक्री के ऑर्डर देते हैं, लेकिन वो असल में उन्हें पूरा करने का इरादा नहीं रखते। ये ऑर्डर सिर्फ दिखावे के लिए होते हैं।
कीमतों को हिलाना:
बाजार देखता है कि बहुत सारे खरीद या बिक्री के ऑर्डर आ रहे हैं, तो उस चीज़ की कीमत उसी तरफ हिलने लगती है, क्योंकि मार्केट डिमांड और सप्लाई पर काम करता है।
अपना सौदा करना:
जैसे ही कीमत मनचाही दिशा में जाती है, असली सौदा किया जाता है, जल्दी से लाभ कमा लिया जाता है, और झूठे ऑर्डर वापस ले लिए जाते हैं।
Spoofing ट्रेडिंग क्यों गलत है? उदाहरण सहित समझें
Spoof trading बाजार में अनैतिक और गैरकानूनी है। यह बाकी लोगों के साथ छल करके पैसा बनाने का प्रयास है। इससे बाजार में अस्थिरता पैदा होती है और निष्पक्ष कारोबार नहीं हो पाता।
Spoofing ट्रेडिंग को उदाहरण से समझें:
मान लीजिए, आप सब्जी बेच रहे हैं। कोई शख्स आकर कहता है कि वो आपकी सारी सब्जियां खरीद लेगा, लेकिन असल में वो आपसे कोई सब्जी नहीं लेता। आप खुश होकर सब्जी की कीमत को बढ़ा देते हैं। फिर दूसरा शख्स आता है और सब्जी महंगी होने के कारण थोड़ी ही सब्जियां खरीदता है। असल में, पहला शख्स झूठ बोल रहा था, बस कीमत बढ़ाने के लिए। Spoof ट्रेडिंग भी कुछ इसी तरह ही काम करती है।
यह सिर्फ एक सरल सा समझाने का तरीका है। वास्तविक Spoof ट्रेडिंग काफी जटिल हो सकती है और इसमें कई तरीके शामिल हो सकते हैं।
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Spoofing trading के नुकसान और आप इससे कैसे बचें?
नुकसान:
1. गलत कीमत का फैसला:
Spoof Trading से बाजार की असली मांग का पता नहीं चल पाता है, जिससे बाकी निवेशक गलत फैसले लेते हैं और उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
2. अस्थिरता और बेईमानी:
यह बाजार को अस्थिर बनाता है, निवेशकों का भरोसा कम करता है और बाजार में बेईमानी को बढ़ावा देता है।
3. छोटे रिटेल निवेशकों को नुकसान:
बड़े खिलाड़ी जिनके पास ज्यादा पैसा है वो इसका फायदा उठाकर छोटे निवेशकों का नुकसान करवाके उनका पैसा हड़पतें हैं।
अपने आप को Spoofing ट्रेडिंग से कैसे बचाएं?
1. विश्वसनीय कंपनियों और ब्रोकरों से जुड़ें:
अच्छी रिसर्च करें और SEBI से लाइसेंस मिली हुई ब्रोकरेज कंपनियों के साथ ही अपना कारोबार करें।
2. अचानक उतार-चढ़ाव से सावधान रहें:
अचानक किसी शेयर में बहुत ज्यादा खरीद या बिक्री होने पर सतर्क हो जाएं, यह Spoof Trading हो सकता है।
3. अपनी भावनाओं से प्रभावित न हों:
बाजार की हलचल से घबराकर जल्दबाजी में फैसले न लें।
4. फंडामेंटल विश्लेषण पर ध्यान दें:
फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए किसी कंपनी को परखें देखें की अगर कोई कंपनी का शेयर उस मूल्य पर है तो क्या वो मूल्य कंपनी के फिल्हाल की स्तिथि से मेल खा रही है या नही।
5. अपना शोध खुद करें:
सिर्फ किसी की बात पर भरोसा न करें चाहे वो कोई भी हो कितना ही बड़ा इनफ्लुएंसर क्यों न हो, निवेश करने से पहले खुद जांच-पड़ताल करें।
6. नियामक संस्थाओं से शिकायत करें:
अगर आपको किसी शेयर में Spoof Trading का शक है, तो SEBI से जरूर इसकी शिकायत करें।
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